Work : 3.5 Kms Bhopa Road, Muzaffar Nagar -251001 Customer Care No : 0131- 2607652 Email : spl9009@gmail.com |
||||
|
सेंट्रोजाइम
उपयोग - संट्रोगोल्ड वनस्पति (समुद्री घास) मूल के जैविक स्त्रोत से प्राप्त एक दानेदार, कार्बनिक भूमि सुधारक है । इसका उपयोग धान, गेहू, गन्ना, सब्जियों सोयाबीन, आलू, चाय व् फलों की उपज में वृद्धि करने के लिए भूमि में प्रयोग करे, इसका उपयोग दानेदार कीटनाशकों के साथ भी किया जा सकता है । यह विषरहित व् प्रयोग के लिए सुरक्षित है । पैकिंग - 5 कि. ग्रा. पाउच एवं 10 कि. ग्रा., 25 कि. ग्रा. बाल्टी में उपयोग - इनकों धान, गन्ना, कपास, मुँगफली, फलों व सब्जियों में लगने वाले कीटों जैसे हिस्पा, पर्णवलगी, माँहू, भूँगा, चुरदे, सूंडी, कुटकी, फल व तना छेदक, सफेद मक्खी आदि की रोकथाम के लियें कियें जाते है । 5% डी़ पी़ 5 कि ग्रा़ से 6 कि ग्रा़ प्रति एकड़ पाउडर बुरकें । 50% ई़ सी़ 500 मि ली़ से 600 मि ली़ दवा 500 ली़ पानी में घोलकर प्रति एकड़ स्प्रे करें । जनस्वास्थय कल्याण कार्यक्रम बहुपयोगी । जानवरों में जूँ चिचड़ी पर प्रभावी । पैकिग - 5% डी़ पी़ 5 कि ग्रा़, 10 कि ग्रा़, 25 कि ग्रा़ के प्लास्टिक बैग में । 50% ई़ सी़ 100 मि ली़, 250 मि ली़, 500 मि ली़, 1 ली़, 5 ली़ टीन के डिब्बे । 10 ली़ व 20 ली़ एम़ एम ड्रम में । उपयोग - दैहिक कीटनासक नियंत्रण करने के लिए, यह कपास, चावल, मिर्च, गन्ना, व आम की फसलों में रस चूसने वाले पैकिंग - 100 मि. ली़., 250 मि. ली़., 500 मि. ली़., १ ली़. उपयोग - इसके उपयोग की सिफारिश सोयाबीन में चौड़ा पत्ते के खरपतवार की रोकथाम के लिए की गई है। पैकिग - 15 ग्राम । मात्रा - 15 ग्राम प्रति एकड़ का स्प्रे करें । उपयोग - इसका उपयोग कपास, धान, सोयाबीन, बैंगन आदि फसलों में लगने वाले कीटों जैसे डोडे की सूंडी, सफेद मक्खी, तना व फल छेदक, पत्ती मोडक, इल्ली, हिस्पा, तेला, सुंरगी कीट, एपीलाचना भ्रंग आदि से रोकथाम के लियें 250 मि ली़ से 1 ली़ दवा को 200 ली़ से 400 ली़ पानी में घोलकर प्रति एकड़ फसलानुसार छिडकाव करें । पैकिंग - 250 मिली़, 500 मि ली़, 1 ली़ व 5 ली़ पर्लपैट व टीन में । उपयोग - इसकों मक्का, चावल, ज्वार, दालें, कपास, मूंगफली, सूर्यमुखी, बैगन, भिन्डी, पत्ता व फुल गोभी, चाय, तम्बाकू, कॉफी, सेब, केला आदि फसलों पर लगने वाले कीटो जैसें तना छेदक, तना मक्खी, माहूँ, फली छेदक, भूंगा, चुरदे, सफेद मक्खी, फूंदके, चीचड़ी, मत्कुण आदि कीटों की रोकथाम के लियें 250 मि ली से 400 मि ली दवा को 300 ली से 400 ली पानी में घोलकर प्रतिएकड़ छिडकाव करें । पैकिंग - 100 मि ली, 250 मि ली, 500 मि ली, 1 ली 5 ली पर्लपैट की बोतलों में । उपयोग - इसकों धान, मक्का, गेहूँ, बाजरा, कपास, गन्ना, मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, मटर, सब्जी, फल और रोपण के लिये तैयार फसल पर लगनें वाले कीटों जैसे तना मक्खी, सफेद लुड़ी, तना छेदक, कुरमुला, गोभ की मक्खी, ग्लेरू सीड भ्रंग, मधुआ, माहूँ, चुरदें आदि से रोकथाम के लियें 5 कि ग्रा. से 10 कि ग्रा. प्रति एकड़ छिडकाव करें इसकों सभी फफूदनाशक क और खाद के साथ मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है । लेकिन क्षारीय यौगिक व पानी में बने घोल के साथ नही । पैकिंग - 1 कि ग्रा. व 5 कि ग्रा. पाउच व गत्तें के डिब्बो में । उपयोग - रस चूसने वाले व काटने, कुतरने वाले कीडे इसके सम्पर्क में आकर इसका विष उदरस्थ कर जाते है और समाप्त हो जाते है इसकों चावल, गेहूँ, सोयाबीन, मूंग, उडद, कपास, सरसों मूंगफली की फसलों पर लगने वाले कीटों जैसे तना छेदक, इल्लियाँ, कुतरे, पत्ती लपेटने वाले कीट, टिपरे की सूंडी, आरा मक्खी, सुंरगी कीट आदि से रोकथाम के लियें 6 कि ग्रा से 10 कि ग्रा प्रति एकड़ छिडकाव करें । पैकिंग - 500 ग्राम, 1 कि ग्रा. पाउच में । 5 कि ग्रा, 10 कि ग्रा 25 कि ग्रा प्लास्टिक बैग में । उपयोग - इसके उपयोग की सिफारिश सोयाबीन व मूंगफली में उगने वाले चौड़े पत्तो की खरपतवार की रोकथाम के लिए की गई है । पैकिंग - 250 मि. ली़., 500 मि. ली़., 1 ली़. मात्रा - 250 मि. ली़. प्रति एकड़ । उपयोग - इस कीटनाशक का उपयोग कपास की फसल में लगने वाले कीटों जैसे चेपा या माँहू , हरा तेला , सफेद मक्खियों की रोकथाम के लिये 20 ग्राम से 40 ग्राम दवा की मात्रा को 200 ली. पानी में घोलकर प्रति एकड़ स्प्रे करें । प्रैकिग - 20 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम, 250 ग्राम, व 500 ग्राम, गत्ते के डिब्बें । |
|
|||||||||||||||||||||||||||||||||||||